Mar 11, 2006

मृत्यु

तुम और मैं जुड़वाँ हैं।
उस दिन जब,
मैंने पहली बार,
आँखें खोली।
उस दिन शायद,
तुमने भी जन्म लिया।

हमारा मिलना तो,
निश्चित ही था।
पर कुछ प्रश्न हैं।
मन में आज।
आज, जब मुझे,
एहसास हो रहा है,
हमारे मिलन का।

शायद अब एक ही,
प्रश्न उचित हो,
आज के सन्दर्भ में।
की,
कितनो और से साक्षात्कार,
होगा तुम्हारा,
मुझसे मिलकर।

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