Mar 26, 2014

आज का दिन

आज दिन कुछ
नया सा था ।

रोज़ की तरह
सूखा नही
थोड़ा भीगा
थोड़ा शरारती
थोड़ा अपना ।

खुश एेसा की
मानो बचपन
ज़िद्दी एेसा की
मानो बुढ़ापा ।

हुआ कुछ नही
वही सुबह रही
वही दोपहर
वही शाम ।

पर हर पहर
सिर्फ बदला मैं ।

आज मैने
तुमसे की बातें ।