Jun 13, 2006

रंगों का औचित्य

हलकी पीली धूप,
दुधिया सफ़ेद ये पेज,
अजीब सी नीली स्याही।

धुंधली काली यादें,
कत्थई लाल दरवाज़े,
विस्मृत हरियाली।

चिडियों का भूरा शोर,
मटमैले रस्ते,
पहचाना हुआ सा,
चाय का रंग।

गुलाबी किलकारियां,
बैंगनी चेतना,
चालक पाउडर सी फैली धुंध,
और चाँदनी से ठंडे चेहरे।

इन सभी रंगों के बीच,
काला - सफ़ेद मैं,
कोसता अपनी विवशता को।