Feb 6, 2011

और मैं

वही गर्मियों का मौसम 
आया और लाया 
पुराना व्यभिचार . 
साथ में बंधा 
क्षणभंगुर उल्लास 
अनवांछित उपहास 
इक असीमित,
पीड़ित एहसास. 
और इक वेदना का 
प्रकार. 
वही वेदना जो 
जीवित है जन्म से,
कहती हर परिवर्तित रूप में 
कि
कुछ नया करो. 

"और मैं"
उसी तरह करता 
सर्दियों का इंतज़ार.