Jun 4, 2012

नए का पागलपन

कुरेदना 
पाटना 
पकड़ना 
और फिर फ़ेंक देना 

हिचकियों का 
बातें बनाना 
हकलाना 
चिल्लाना 
और फिर आवाजों को 
निचोड़कर 
किसी गंगा में बहाना 

सपनो को सुखाना 
पीसना 
मसलना 
और फिर 
एक फूँक में उड़ाना

रोज़ का बहाना 
कल नया करूंगा