Feb 5, 2016

आहट

कमरे में 
शायद कभी 
था इक दरवाज़ा . 

मासूम सा
आवारा . 

बदमाश सा
शर्मीला . 


एक बवंडर सा
बिदका हुआ .
सिर चढ़ा
उस आहट को .
दब चुकी है जो
फिसलती यादों में.

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