कुरेदना
पाटना
पकड़ना
और फिर फ़ेंक देना
हिचकियों का
बातें बनाना
हकलाना
चिल्लाना
और फिर आवाजों को
निचोड़कर
किसी गंगा में बहाना
सपनो को सुखाना
पीसना
मसलना
और फिर
एक फूँक में उड़ाना
रोज़ का बहाना
कल नया करूंगा